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नई दिल्ली : कॉमनवेल्थ गेम्स में जाने से पहले भारतीय वेटलिफ्टरों ने एक बड़ा फैसला लिया है जिसकी हर ओर तारीफें हो रही हैं। खेल प्रेमियों का मानना है कि इस नए फैसले से भारतीय वेटलिफ्टरों का यकीनन कॉमनवेल्थ में प्रदर्शन सुधरेगा। दरअसल वेटलिफ्टििंग के मुख्य कोच विजय शर्मा ने खिलाडिय़ों को नए निर्देश दिए हैं जिसके तहत प्रैक्टिस पर कोई भी खिलाड़ी स्मार्टफोन यूज नहीं कर सकता। कोच ने यह फैसला इस तरह लागू करवाया है कि खिलाड़ी घर पर भी स्मार्टफोन को कम से कम यूज कर सकें। इसके लिए कई खिलाडिय़ों के फेसबुक और इंस्टाग्राम अकाउंट तक डिलिट करवा दिए गए हैं। 
कोच शर्मा ने बताया कि खिलाडिय़ों के बेहतर भविष्य के लिए यह फैसला लिया गया है। हमारा एक युवा वेटलिफ्टर दीपक पिछली दिसंबर से ही सोशल साइट्स से दूर हैं। इसी तरह वल्र्ड चैंपियन मीराबाई चानू भी स्मार्टफोन की बजाय हल्के फीचर वाला फोन इस्तेमाल कर रही हैं। खिलाडिय़ों को ताकीद दी गई है कि वह नेट सर्फिंग से बचें और हो सके तो सिर्फ जरूरी कॉल को ही तरजीह दें। 
कोच शर्मा ने बताया कि यह आसान फैसला नहीं था। हो सकता था कि हमारे खिलाड़ी इसका विरोध करते लेकिन मुझे खुशी है कि उन्होंने इस फैसले का पूरा समर्थन किया। शर्मा ने मुस्कराते हुए बताया कि बाकी सब खिलाड़ी तो कुछ महीनों से ऑफलाइन है बस सतीश और ठाकुर को छोड़कर। शायद उन्हें ऑनलाइन रहना ज्यादा पसंद हो। फिर भी वह स्मार्टफोन संबंधी निर्देशों का अच्छे से पालन कर रहे हैं। 
17 साल के दीपक लाथर ने बताया कि उन्होंने पिछले दिसंबर से अपना फोन बंद कर रखा है। यहां तक कि उसने होली पर भी अपने घर फोन नहीं किया। दीपक का कहना है कि वह जानता है कि घर वालों का पता है कि यह मेरे करियर का सवाल है इसलिए वह भी मुझे डिस्टर्ब नहीं करते। 

मीराबाई चानू भी रहती है ऑफलाइन
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यंग वेटलिफ्टर के अलावा विश्व चैंपियन मीराबाई चानू भी प्रबंधन के फैसले पर पूरी हामी भरती हैं। चानू ने कहा कि 2016 रियो ओलंपिक से पहले भी उन्होंने अपना फोन बंद कर दिया था। वह चाहती थी कि उनका पूरा ध्यान अपनी गेम पर लगा रहे। अब हर बड़े कंपीटिशन से पहले हम इस प्रक्रिया को दोहराने लगे हैं। इसके हमें सकारात्मक प्रणाम देखने को मिल रहे हैं। बार-बार नोटिफिकेशन चेक करना भी एक बीमारी को जन्म देता है। ऐसे में अच्छा है कि फोन बंद ही रहे।