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नई दिल्लीः बीसीसीआई द्वारा जारी की गई नई कॉन्ट्रेक्ट लिस्ट में महिला भारतीय टीम के साथ बोर्ड ने भेदभाव किया है। बता दें कि जहां एक तरफ ए+ में शामिल पुरुष भारतीय खिलाड़ियो को 7 करोड़ रुपए सलाना सैलरी मिलेगी, तो वहीं दूसरी ओर महिला टीम को सलाना सैलरी सिर्फ 50 लाख ही मिलेगी। बोर्ड ने साल 2017-18 के लिए नई लिस्ट बुधवार को वुमन्स-डे से एक दिन पहले जारी की है। जिस दौरान पुरुष क्रिकेटर्स के मुकाबले महिला क्रिकेटर्स को काफी कम पैसा मिल रहा है। 

इस नई लिस्ट में बोर्ड ने 26 पुरुष और 19 महिला क्रिकेटर्स के साथ नया कॉन्ट्रेक्ट किया है। महिला क्रिकेटर्स की पुरुषों के सी ग्रेड में शामिल प्लेयर्स को मिलने वाली रकम से भी कम सैलरी है। पुरुषों की टीम के कप्तान विराट कोहली समेत 5 प्लेयर्स ऐसे हैं जिन्हें ए+ ग्रेड में रखा गया है। वहीं ए ग्रेड में शामिल पुरुष क्रिकेटर्स की संख्या 7 है। जबकि महिलाओं के सबसे टॉप ग्रेड में शामिल प्लेयर्स की संख्या केवल 4 ही है। भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान मिताली राज, बॉलर झूलन गोस्वामी, बैट्समैन हरमनप्रीत कौर और स्मृति मंधाना को बोर्ड ने ए-ग्रेड में रखा है। लेकिन इन्हें पुरुषों के सी-ग्रेड वाले प्लेयर्स से भी कम पैसे मिलेंगे। भारतीय महिला क्रिकेट टीम पिछले साल हुए वुमन्स क्रिकेट वर्ल्ड कप के फाइनल तक पहुंची थीं, वहीं हाल ही में साउथ अफ्रीका के साथ हुई सीरीज में भी उसकी परफॉर्मेंस शानदार रही।

महिला टीम के लिए यह बने तीन ग्रेड
बीसीसीआई ने महिला क्रिकेटर्स के लिए तीन ग्रेड बनाए हैं। ग्रेड-ए, ग्रेड-बी और ग्रेड-सी। तीसरा ग्रेड इसी साल लाया गया है। पहले सिर्फ ए और बी ग्रेड ही हुआ करते थे। ग्रेड-ए में शामिल 4 महिला क्रिकेटर्स को 50 लाख रुपए सलाना, ग्रेड-बी में शामिल 6 प्लेयर्स को 30 लाख रुपए सालाना और ग्रेड-सी में शामिल 9 महिला क्रिकेटर्स को 10 लाख रुपए सालाना मिलेंगे।