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नई दिल्ली : बीसीसीआई ने अपनी सभी मान्यता प्राप्त इकाईयों को चेताया है कि वे अपने खिलाडिय़ों को अनधिकृत सुदामा प्रीमियर लीग में भाग लेने की अनुमति नहीं दें। इस टूर्नामेंट को पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव और मौजूदा डीडीसीए सीनियर चयन समिति के चेयरमैन अतुल वासन की मौजूदगी में लांच किया गया था। पूर्व भारतीय खिलाड़ी संजीव शर्मा और पूर्व अंतरराष्ट्रीय अंपायर के हरिहरन भी इस प्रतियोगिता से जुड़े हैं। 

मैचों का आयोजन फिरोजशाह कोटला में होना था लेकिन बीसीसीआई के प्रतिबंध से कोटला को इनकी मेजबानी करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यहां इस बात का जिक्र जरूरी होगा कि ग्रेटर नोएडा में उस स्टेडियम को प्रतिबंधित कर दिया गया था जिसमें नोएडा प्रीमियर लीग टी20 नाम के टूर्नामेंट का आयोजन किया गया था। बीसीसीआई ने हाल में अपने पंजीकृत खिलाडिय़ों को इंडियन जूनियर प्रीमियर लीग और रजवाड़ा प्रीमियर लीग जैसे टूर्नामेंट में भाग लेने के कारण प्रतिबंधित कर दिया था। कल बीसीसीआई सचिव अमिताभ चौधरी ने सभी संघों को इस अनधिकृत सुदामा प्रीमियर लीग की सूचना दी।

चौधरी का यह पत्र पीटीआई के पास है, उन्होंने इसमें लिखा- हम आपका ध्यान इस बात पर दिलाना चाहते हैं कि बीसीसीआई ने सुदामा प्रीमियर लीग नाम की लीग को अनुमति नहीं दी है। आपसे आग्रह है कि इस बारे में सभी पंजीकृत खिलाडिय़ों, मैच अधिकारियों, स्कोरर और वीडियो विश्लेषकों को सूचित कर दीजिए। जब वासन से उनके जुड़ाव के बारे में पूछा गया तो उन्होंने उत्तर दिया, ‘‘मुझे बीसीसीआई के सर्कुलर के बारे में जानकारी नहीं थी। मैं सिर्फ आयोजकों की मदद की कोशिश कर रहा था। लेकिन अगर बीसीसीआई ने इस टूर्नामेंट को प्रतिबंधित कर दिया है तो मैं निश्चित रूप से इसका हिस्सा नहीं रहूंगा।

कपिल देव इस समय बीसीसीआई के वेतन पाने वाले खिलाडिय़ों में शामिल नहीं हैं लेकिन संजीव शर्मा कुछ वर्ष पहले तक दिल्ली रणजी ट्री के कोच थे और वह मैच रैफरियों की प्रवेश परीक्षा में भी बैठे थे। हरिहरन सेवानिवृत्त अंपायर हैं, जो दो टेस्ट और 34 वनडे में अंपायरिंग कर चुके हंसुदामा प्रीमियर लीग ‘प्रसार’ नाम के एक गैर सरकारी संगठन द्वारा आयोजित की जा रही हैं।