Edited By ,Updated: 06 Oct, 2016 09:24 AM
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बी.सी.सी.आई.) और उच्चतम न्यायालय की लोढा समिति के बीच तनाव और उसके राज्य क्रिकेट संघों..
नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बी.सी.सी.आई.) और उच्चतम न्यायालय की लोढा समिति के बीच तनाव और उसके राज्य क्रिकेट संघों पर हो रहे असर तथा टूर्नामैंट में पहली बार कई बदलावों के साथ गुरुवार से घरेलू क्रिकेट के सबसे बड़े टूर्नामैंट रणजी ट्रॉफी की शुरूआत होगी।
6 अक्तूबर से 7 जनवरी तक चलने वाला रणजी ट्रॉफी टूर्नामैंट का 2016-17 सत्र इस बार कई मायनों में अलग होगा। न्यायाधीश आर.एम. लोढा की अध्यक्षता वाली समिति के बी.सी.सी.आई. को सदस्य क्रिकेट संघों को बड़े वित्तीय भुगतान से रोकने के बाद पहले ही तनाव बड़ा हुआ है और इससे अब रणजी मैचों के प्रभावित होने की भी संभावना जताई जा रही है लेकिन मौजूदा रणजी टूर्नामैंट इस बार इस मायने में काफी अलग होगा जिसमें सभी टीमों को तटस्थ स्थान पर मैच खेलने होंगे।
घरेलू परिस्थितियों का नहीं मिलेगा कोई फायदा
मैचों को अधिक प्रतिस्पर्धात्मक बनाने के लिए सौरभ गांगुली की अध्यक्षता वाली तकनीकी समिति ने इसकी सिफारिश की थी कि रणजी मैचों को तटस्थ स्थानों पर खेला जाए। इससे टूर्नामैंट में हिस्सा लेने वाली 28 टीमों और उनके करीब 700 खिलाडिय़ों को घरेलू परिस्थितियों का कोई फायदा नहीं होगा। इसके अलावा इस बार खिलाडिय़ों की अदला-बदली भी काफी हुई है और नए सत्र में कई बड़े खिलाड़ी नई टीमों से खेलने उतरेंगे।
छत्तीसगढ़ की टीम पदार्पण करेगी
ग्रुप-सी में 10 टीमें और ग्रुप-ए और-बी में 9-9 टीमें घरेलू चैम्पियन बनने के लिए एक-दूसरे से मुकाबला करेंगी। इस सत्र में छत्तीसगढ़ की टीम भी पदार्पण करने उतर रही है। बी.सी.सी.आई. से राज्य क्रिकेट संघ को पूर्ण सदस्यता मिलने के बाद वह टूर्नामैंट का हिस्सा होगी।