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जालंधर : निदहास ट्रॉफी के सेमिफाइनल में बांगलादेश और श्रीलंका के मैच दौरान हुए हाईटैक ड्रामे के बाद विवाद को भड़काने के मामले में बांगलादेश का एक क्रिकेटर मुसीबत में फंस सकता है। दरअसल मैच दौरान हुए घटनाक्रम के बाद आईसीसी ने जांच बैठा दी, इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कई हैरतअंगेज खुलासे किए हैं। इसमें कहा गया है कि बांगलादेशी कप्तान शािकब अल हसन ने न सिर्फ मैदान में उप्तात मचाया बल्कि ड्रैसिंग रूम में भी उन्होंने शिष्टाचार की हदें पार कर दी थी।

दरअसल मैच के बाद खबर आई थी कि बांगलादेश के मैच जीतने के बाद ड्रैसिंग रूम के शीशे तोड़ दिए गए है। यह हार का गम कम करने के लिए श्रीलंकाई प्लेयर द्वारा की गई हरकत थी या जीत से अतिउत्साहित बांगलादेश प्लेयर का काम। इसको लेकर भम्र पैदा हो गया था लेकिन अब जांच कमेटी ने सारे पर्दे उठा दिए हैं। मैच रेफरी क्रिस ब्रॉड ने कहा है कि हमने सबसे पहले सीसीटीवी फुटेज चेक किए थे। उसमें कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला था। लेकिन जब हमने ड्रैसिंग रूम में तैनात स्टाफ से बात की तो साफ हो गया कि बांगलादेश के कप्तान शाकिब ने ही शीशे तोड़े थे। ब्रॉड ने कहा कि अगर चौथे अंपायर ने शाकिब को न रोका होता तो कुछ भी हो सकता था।

हाईटैक ड्रामे के साथ खत्म हुआ था सेमिफाइनल
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दरअसल फाइनल में जाने के लिए श्रीलंका और बांगलादेश के बीच सेमिफाइनल मैच खेला जा रहा था। विवाद तब खड़ा हुआ जब श्रीलंकाई बॉलर ने 20वें ओवर में लगातार दो बाउंसर मारे। डै्रसिंग रूम में बाहर निकले शाकिब ने आरोप लगाया कि अंपायर इन गेंद को नो बॉल नहीं दे रहे। वह अपने प्लेयरों को वापस बुलाने के लिए ईशारे करने लगे। इसी बीच बांगलादेश टीम के एक अतिरिक्त खिलाड़ी श्रीलंकाई खिलाड़ी कुशल मेंडिस के साथ बहस में उलझ गए। अंपायरों ने किसी तरह मामला सुलझाया और मैच शुरू करवाया। यह मैच बाद में बांगलादेश ने बड़े रोचक तरीके से जीतकर फाइनल में प्रवेश पाया था। हालांकि बांगलादेशी प्लेयर का यह उत्साह फाइनल में भारत के खिलाफ काम नहीं आया। भारत ने दिनेश कार्तिक की तूफानी पारी के दम पर बांलगादेश को चार विकेट से हराकर निदहास ट्रॉफी अपने नाम कर ली।