चयनकर्ता होने के बावजूद पिता से नहीं मिलती कोई मदद: स्टुअर्ट

Edited By ,Updated: 07 Jul, 2015 12:14 PM

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अक्सर समझा जाता है कि यदि खेल या किसी भी क्षेत्र में किसी का कोई गॉडफादर होता है तो उसे काफी मदद मिलती है कि राष्ट्रीय चयनकर्ता और पूर्व क्रिकेटर रोजर बिन्नी के पुत्र तथा जिम्बाम्वे दौरे के लिए टीम इंडिया में शामिल....

मुबई: अक्सर समझा जाता है कि यदि खेल या किसी भी क्षेत्र में किसी का कोई गॉडफादर होता है तो उसे काफी मदद मिलती है कि राष्ट्रीय चयनकर्ता और पूर्व क्रिकेटर रोजर बिन्नी के पुत्र तथा जिम्बाम्वे दौरे के लिए टीम इंडिया में शामिल किए गए स्टुअर्ट बिन्नी का कहना है कि चयनकर्ता होने के बावजूद उनके पिता से उन्हें कोई मदद नहीं मिलती है। टीम इंडिया में स्टुअर्ट के चयन को लेकर हमेशा चर्चा होती रही है लेकिन उन्होंने खुद इन अटकलबाजियों पर पूरी तरह विराम लगा दिया है। 

वर्ष 2013 में न्यूजीलैंड दौरे पर पहली बार टीम इंडिया में स्टार बल्लेबाज युवराज सिंह पर तरजीह देकर शामिल किए गए ऑलराउंडर स्टुअर्ट ने कहा, ‘‘जहां तक चयन की बात है तो यह बहुत साधारण है। मुझे तभी चुना जाता है, जब मैंने अच्छा प्रदर्शन किया हो। यह आसान यात्रा नहीं है। मैंने भी अपने जीवन में बहुत उतार-चढ़ाव देखे है, लेकिन मैं इसका आनंद उठा रहा हूं।’’  इंग्लैंड के खिलाफ 2014 टेस्ट सीरीज में बिन्नी के चयन ने सभी को हैरान कर दिया था। 

वहीं हाल ही में आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की सह मेजबानी में खेले गये 2015 विश्वकप के लिए उनके चयन ने विवाद को और ज्यादा बढ़ा दिया था।  जिम्बाम्वे के लिये रवाना होने से पहले स्टुअर्ट ने कहा,‘‘लोग कहते हैं कि उसके (मेरे) पिता चयनकर्ता हैं, तो उसके लिए टीम में चयन आसान हो जाता है। यह आसान नहीं है। इससे मुझ पर और भी ज्यादा दबाव बढ़ जाता है। मैंने पूरी जिंदगी उनकी सलाह मानी है और उनके साथ रहा हूं जिसका मैंने भरपूर आनंद भी उठाया है और मुझे लगता है कि अपने प्रदर्शन से कुछ लोगों को गलत भी साबित भी किया है।’

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