Edited By ,Updated: 07 May, 2015 01:16 AM
आज जिस प्रकार की हाईटैक जिंदगी में हम जी रहे हैं वहां जंक फूड हमारे ऊपर कुछ इस तरह हावी हैं कि हम उनके गुलाम बनते जा रहे हैं।
तलवाड़ा (अनुराधा): आज जिस प्रकार की हाईटैक जिंदगी में हम जी रहे हैं वहां जंक फूड हमारे ऊपर कुछ इस तरह हावी हैं कि हम उनके गुलाम बनते जा रहे हैं। खास कर युवा पीढ़ी और बच्चे तो बर्गर पिज्जा के बिना कोई बात ही नहीं करते। इसका फायदा तलवाड़ा व उसके आसपास, बने फूड कॉर्नर, रेहड़ी यहां तक कि बड़ी-बड़ी दुकानों वाले भी अच्छी तरह ले रहे हैं।
हैरानी की बात है कि प्रतिष्ठित से प्रतिष्ठित रैस्टोरैंटों होटलों में जंक फूड के नाम पर सिर्फ बीमारी परोसी जा रही है और हम अपनी जेब कटवा कर वह खरीद रहे। कुछ फूड कॉर्नरों, होटलों अथवा दुकानों के वर्करों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि बनाया हुआ माल कभी भी फैंका नहीं जाता उसे तल, भून कर, तेल, मसाले डाल कर बेचा ही जाता है चाहे वह सडऩे की कगार पर क्यों न आ जाए।
अगर आलू की टिक्कियां खराब हो तो उन्हें अच्छी तरह तल कर क्रिस्पी कर दिया जाता है विभिन्न सासत्र (चटनियों) के स्वाद में लोग सब चट कर जाते हैं। कुछ ने तो यहां तक बताया कि अगर पेस्ट्री को नीचे ऊली लग गई हो तो नीचे का हिस्सा उतार कर सेक देकर तैयार कर लिया जाता है और अगर सैंडविच खराब हो तो उसे अत्यंत ठंडा कर दिया जाता है जिससे उसकी खराबी का बिना गौर किए पता नहीं चलता तथा और लोग खाकर बीमारी को बुलाते हैं।