सदियों बाद भी सही सलामत हैं ये शव! (PICS)

Edited By ,Updated: 16 Jul, 2015 05:54 PM

article

हमारे पूर्वजों ने अपनी चीजों को संभाल कर रखा ताकि ये चीजें विरासत के तौर पर पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ती जाए। शवों को भी पहले इस तरह से दफनाया जाता था कि वह सदियों तक वैसे के वैसे ही रहे।

नई दिल्लीः हमारे पूर्वजों ने अपनी चीजों को संभाल कर रखा ताकि ये चीजें विरासत के तौर पर पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ती जाए। शवों को भी पहले इस तरह से दफनाया जाता था कि वह सदियों तक वैसे के वैसे ही रहे। ऐसी बहुत सारे शव हैं जो सदियों तक दफन रहने के बावजूद भी सही सलामत मिले हैः-

- सेंट टेरेसा मार्गरेट की मौत 1770 में हुई जब वे 22 साल की थीं। माना जाता था कि उनके पास रहस्यमयी शक्तियां थीं। एक बीमारी से ग्रसित होने के कारण उनकी मौत हुई थी जिसने उनके शरीर का हुलिया ही बदल डाला था लेकिन उनकी मौत के दो दिन बाद ही उनका शरीर वापस अपने आकार में आ गया। 15 दिन बाद तक भी उनका शरीर जीवित लग रहा था।

-सेंट जॉन विआने की 1859 में मौत हुई जब वे 73 साल के थे। उन्हें दफनाने से पहले उनके शरीर को मोम के मास्क में लपेटा गया था। बाद में उनका शरीर जब मिला तो वह बिलकुल ठीक ठाक था।

-रूस के दाशी दोर्जो एक बौद्ध लामा थे। 1927 में उन्होंने अपने साथियों से उनके दाह संस्कार की तैयारी करने को कहा। वे कमल की मुद्र में ध्यान मग्न थे जब उन्होंने अपना शरीर छोड़ा। उन्हें उसी मुद्रा में दफनाया गया। 2002 में जब उनका शरीर खोद कर निकाला गया तो देख कर ऐसा लग रहा था जैसे 36 घंटों पहले ही शरीर छोड़ा हो।

- लेडी जिन शुई हैन डायनेस्टी के ली कैंग की पत्नी थीं। उनकी मत्यु 163 बीसी में हुई। मरने के करीब 2000 साल बाद भी उनकी कब्र चीन के हुनान प्रांत के एक पहाड़ में मिली। कब्र को खोद के देखा गया तो उनका शरीर पूरी तरह सुरक्षित मिला।

-सेंट विंसेट डे पॉल की मृत्यु 1660 में हुई और 1712 में उनके शरीर को खोद कर निकाला गया। एक चश्मदीद के मुताबिक 53 साल तक दफन रहने के बावजूद उनके शरीर में आंख और नाक को छोड़ कर बाकी सब वैसे का वैसा ही था।

-फ्रांस की सेंट बर्नेडेट ऑफ लॉर्डस की मृत्यु 1879 में हुई। 1909 में उनका शरीर खोद कर निकाला गया। उनका शरीर भी बिलकुल साफ और क्षतिहीन मिला।  

-सेंट फ्रांसिस जेवियर 16 शताब्दी में स्पेन के कैथलिक पादरी थे। उनकी 1552 में मौत हो गई थी। उनका शरीर गोवा के बैसिलिका ऑफ बॉम जीसस में रखा है और आज भी जैसे बिलकुल पवित्र है।

-ला डॉनसेला एक ममी है जो डॉ. जोहान रेनहार्ड को 1999 में मिली थी। वह 15 साल की एक लड़की थी, जिसे धर्म के नाम पर जला कर मार डाला गया था। 500 साल तक भी उसका शरीर बिलकुल खराब नहीं हुआ था।

-सेंट फ्रांसिस जेवियर 16 शताब्दी में स्पेन के कैथलिक पादरी थे। उनकी 1552 में मौत हो गई थी। उनका शरीर गोवा के बैसिलिका ऑफ बॉम जीसस में रखा है और आज भी जैसे बिलकुल पवित्र है।

- 1272 में सेंट जीटा दुनिया छोड़ कर चली गई थीं। 300 साल बाद जब उनके शरीर को खोद कर निकाला गया तो वह बिलकुल क्षतिहीन मिला। तब से लेकर आज तक उनके शरीर को इतली के बैसिलिका ऑफ सैन फ्रेडिआनो में रखा गया है।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!