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नई दिल्ली : खेलों में स्लेजिंग के लिए दुनिया भर में मशहूर ऑस्ट्रेलिया में हमारी बेटियों का फिर से अपमान हुआ है। मामला एक वीडियो से जुड़ा है जो इन दिनों सोशल साइट्स पर वायरल हैै। इसमें भारत से ऑस्ट्रेलिया में स्कूल स्तरीय मैच खेलने गई जूनियर वुमन हॉकी प्लेयर्स को मैच के दौरान स्टेडियम तक ले जाने के लिए ट्रांसपोर्ट मुहैया नहीं करवाई गई, पर नाराजगी दिखाई गई हैं। वुमन प्लेयर्स का कहना है कि ट्रांसपोर्टेशन तो छोडि़ए यहां ढंग का खाना भी नहीं मिल पा रहा। मंगलवार सुबह मैच था। हम होटल में तैयार बैठी थीं। टैक्सी का इंतजार कर रही थीं कि स्टेडियम जा सकें। लेकिन ऐन मौके पर कहा गया- मैट्रो से जाना होगा। हमने मैट्रो में एक घंटे का सफर किया। स्टेडियम पहुंचे तो पता चला कि लेट पहुंचने के कारण हम डिस्क्वालिफाई हो गए हैं। लड़कियों ने कहा कि सोमवार को भी इसी तरह वह एक और मैच मिस कर गई थीं।
टीम कोच प्रदीप कुमार ने कहा कि हम दो से तीन लाख रुपये प्रति लड़की खर्च कर विदेश में खेलने आए हैं लेकिन ऑस्ट्रेलिया में हमारे साथ परायों की तरह सलूक किया जा रहा है। लड़कियों ने भारत सरकार के प्रति भी नाराजगी जाहिर की। कहा- मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाए।

खेल मंत्री के ध्यान में है मामला, जांच होगी
इस बाबात स्पोट्र्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने बयान जारी कर कहा है कि उन्होंने किसी टीम को ऑस्ट्रेलिया जाने की इजाजत नहीं दी। लड़कियों स्कूल स्तरीय मैच खेलने के लिए ऑस्ट्रेलिया गई थीं। मामला खेल मंत्री राजवर्धन राठौर के ध्यान में भी है। उन्होंने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। वहीं सोशल मीडिया में यह वीडियो वायरल होते ही बवाल मच गया। 

ऑस्ट्रेलिया की संस्थाएं भी हुईं सक्रिय 
हॉकी इंडिया ने भी ट्विट कर कहा है- यह स्कूल स्तरीय टीम का घरेलू मसला है। लेकिन हम फिर भी जांच करवाएंगे। बच्चियों के साथ हुए मिसबेहिव को लेकर ऑस्ट्रेलिया की समाज सेवी संस्थाएं भी सक्रिय हो गई हैं। इंडिया इन सिडनी नामक संस्था ने पेसेफिक स्कूल गेम्स अथॉरिटी से इस बाबत सफाई मांगी है। संस्था सदस्यों का कहना है कि हमारी कोशिश रहेगी कि बच्चियों को उनका पूरा सम्मान दिलाया जाए।