उड़ान में देरी, विमानन कंपनी जिम्मेदार नहीं

Edited By ,Updated: 03 Jun, 2015 12:52 PM

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निजी विमानन कम्पनियों की आखिरी क्षणों में टिकट रद्द करने और री-शैड्यूल करने के ऊंचे शुल्क के चलते यात्री अब प्रार्थना करने लगे हैं

नई दिल्ली: निजी विमानन कम्पनियों की आखिरी क्षणों में टिकट रद्द करने और री-शैड्यूल करने के ऊंचे शुल्क के चलते यात्री अब प्रार्थना करने लगे हैं कि उनकी उड़ान में देरी न हो जिससे वे उड़ान पकडऩे से न रह जाएं। 

मुम्बई निवासी गोलाका सी. नाथ ने सस्ती विमानन सेवा कंपनी इंडिगो पर आरोप लगाते हुए बताया कि उन्होंने परिवार सहित मुम्बई से दिल्ली व दिल्ली से श्रीनगर के लिए लिंक उड़ानों की टिकट बुक करवाई थीं। 

नाथ के अनुसार मुम्बई से दिल्ली की उड़ान में विलम्ब के कारण उनकी श्रीनगर के लिए लिंक उड़ान छूट रही थी जिसके चलते उन्होंने विमानन कंपनी से बात करने दौरान अपनी उड़ान को री-शैड्यूल करने के लिए कहा जिस पर कंपनी ने री-शैड्यूलिंग शुल्क मांगा। उनके द्वारा आपत्ति जताने पर विमानन कंपनी ने स्पष्ट मना कर दिया। 

नाथ ने जब उन्हें अगली शैड्यूलिंग के लिए कहा तो कंपनी ने कहा कि पहली टिकट को रद्द करना होगा जिस पर कैंसिलेशन (रद्द) शुल्क लगेगा। गुस्साए नाथ ने अपनी टिकटें कैंसिल करवा दीं जिस उपरांत उन्हें 56,000 रुपए में खरीदी गई टिकटों पर 36,000 रुपए कैंसिलेशन शुल्क काट कर 20,000 रुपए वापस कर दिए। वहीं जब इस बारे विमानन कम्पनी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मुख्य उड़ान व ङ्क्षलक उड़ान में 40 मिनट का फर्क था जबकि नियमानुसार किसी भी उड़ान को पकडऩे से 45 मिनट पहले रिपोर्टिंग करनी होती है। कंपनी तब पूरा किराया वापस करती है अगर उड़ान में 3 घंटे की देरी हो।

 

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