फूडपांडा ने खरीदी जस्ट ईट

Edited By ,Updated: 07 Feb, 2015 11:07 AM

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बर्लिन की कंपनी रॉकेट इंटरनैट ने नई पीढ़ी के स्टार्ट-अप्स की क्षमताओं पर भरोसा करते हुए विभिन्न देशों में फूड आपूर्ति कारोबार के एकीकरण अभियान का ऐलान किया।

नई दिल्लीः बर्लिन की कंपनी रॉकेट इंटरनैट ने नई पीढ़ी के स्टार्ट-अप्स की क्षमताओं पर भरोसा करते हुए विभिन्न देशों में फूड आपूर्ति कारोबार के एकीकरण अभियान का ऐलान किया। इसी के तहत कंपनी ने आज एक भारतीय इकाई के अधिग्रहण की भी घोषणा की। कंपनी ने फूडपांडा की प्रतिस्पर्धी कंपनी डिलिवरी हीरो में 30 फीसदी हिस्सेदारी का 58.6 करोड़ डॉलर में अधिग्रहण करने के साथ ही एशिया में 7 अन्य खाने-पीने के चीजों की आपूर्ति (फूड डिलिवरी) करने वाली कंपनियों में हिस्सेदारी खरीदी है। इनमें जस्ट ईट और फूड रनर्स भी शामिल हैं। हालांकि रॉकेट इंटरनैट ने इस सौदे की रकम का खुलासा नहीं किया। इस अधिग्रहण के बाद रॉकेट इंटरनैट की मौजूदगी अब 39 देशों में हो गई है।

भारत की बात करें तो रॉकेट इंटरनैट की बहुलांश हिस्सेदारी वाली ऑनलाइन फूड आपूर्ति मार्केटप्लेस फूडपांड डॉट इन ने अपने प्रतिद्वंद्वी कंपनी जस्ट ईट का अधिग्रहण किया है, जिससे भारतीय बाजार में उसकी मौजूदगी और बढ़ेगी। हालांकि कंपनी ने सौदे की रकम नहीं बताई है लेकिन कंपनी ने बताया कि सौदे के तहत जस्ट ईट की टीम को फूडपांडा डॉट इन की अल्पांश हिस्सेदारी मिलेगी। इससे पहले फूडपांड डॉट इन ने पुणे की कंपनी टेस्टीखाना का नवंबर 2014 में अधिग्रहण किया था। फूडपांडा डॉट इंन के सह-संस्थापक और प्रबंध निदेशक रोहित चड्ढा ने कहा कि अधिग्रहण के बाद भी जस्ट ईट का परिचालन एक अगल ब्रांड के तहत जारी रहेगा और दोनों कंपनियां एक-दूसरे के साथ सहयोग करेंगी। मौजूदा समय में फूडपांडा के पास 170 कर्मचारी हैं, जबकि जस्ट ईट के कर्मचारियों की संख्या करीब 80 है। फूडपांडा की अब 200 से ज्यादा शहरों में मौजूदगी होगी और करीब 12,000 से ज्यादा रेस्टोरेंट के साथ इसका करार है।

इस अधिग्रहण से फूडपांडा खाने-पीने की चीजों की आपूर्ति के क्षेत्र में भारत की सबसे बड़ी कंपनी हो गई है और फिलहाल कोई प्रतिस्पर्धी कंपनी भी इसके आसपास नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि वर्ष 2015 के दौरान फूड डिलिवरी कारोबार में खासी तेजी आ सकती है। रॉकेट इंटरनेट ने कई अन्य भारतीय स्टार्ट-अप्स, मसलन ई-कॉमर्स कंपनी जबॉन्ग, फैब फर्निश, प्रिंटवेन्यू और ऑफिस यस में भी निवेश किया है। हालांकि रॉकेट इंटरनेट की टीम से संपर्क नहीं हो सका लेकिन जिन कंपनियों में उसका निवेश है, उन्होंने कहा कि जर्मनी की यह कंपनी भारतीय बाजार को लेकर खासी उत्साहित है। फूडपांडा के चड्ढा ने कहा, ''रॉकेट की टीम का हमारे रोजमर्रा के कामकाज में कोई दखल नहीं होता है लेकिन अन्य निवेशकों की तरह हम माह में एक बार उनसे जरूर मिलते हैं।''
 

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