Edited By ,Updated: 20 Jan, 2015 06:14 AM
बदलते दौर में शॉपिंग भी बदल रही है और बहुत से लोग अब अॅानलाइन शॅापिंग की तरफ रूख कर रहे हैं। यह आसान भी है इंटरनेट पर किसी भी अॅानलाइन स्टोर का चयन कर सामान खरीदा जा सकता है। परंतु शॅापिंग करते वक्त ...
नई दिल्ली: बदलते दौर में शॉपिंग भी बदल रही है और बहुत से लोग अब अॅानलाइन शॅापिंग की तरफ रूख कर रहे हैं। यह आसान भी है इंटरनेट पर किसी भी अॅानलाइन स्टोर का चयन कर सामान खरीदा जा सकता है। परंतु शॅापिंग करते वक्त ध्यान रखें और सतर्क रहें कहीं आप धोखे का शिकार न हो जाएं। ई-कामर्स वेबसाइट स्नैपड्रील का एक ऐसा ही मामला सामने आया है।
कुछ दिनों पहले दिल्ली के सरकारी अधिकरी योगेन्द्र गर्ग ने स्नैपड्रील से नाइकी के एयर मैक्स जूते आर्डर किए थे परंतु जब जूते डिलीवरी होकर घर आए और गर्ग ने जूते ठीक से देखे तो वह नकली थे। गर्ग द्वारा स्नैपडील से जो जूते खरीदे गए थे उसकी कीमत 9,445 रुपए थी।
गर्ग ने कहा पहली नजर में देखने पर जूता असली लग रहा था और उस पर वैट का चार्ज भी लिखा था परंतु टिन नंबर और सीएसटी रजिस्ट्रेशन नंबर की जगह 'लागू नहीं' लिखा था। इसके अलावा वेबसाइस का नाम भी गलत लिखा हुआ था। और तो और nikebetterworld.com की जगह nikebetterwold.com लिखा था।
यह सारा मामला एक सप्ताह पहले का है। यही नहीं स्नैपडील ने कंपनी के आग्रह के बिना ही जूते की वापसी की प्रक्रिया भी शुरू कर दी। दूसरी तरफ इस बारे में स्नैपडील के एक अधिवक्ता का कहना है कि ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाता है, जो किसी भी तरह की धोखेबाजी करते हैं या नकली सामान देते हैं।
गौरतलब है कि यह कोई पहला मामला नहीं है जब इस तरह की घटना सामने आई है इससे पहले भी स्नैपडील ने एक बार नए फोन के बदले यूजर को पुराना फोन थमा दिया था। इसके अलावा एक बार को स्नैपडील द्वारा आईफोन की जगह लकड़ी के टुकड़े भेज दिए थे।