10.52 लाख फर्जी Pan Card कोई छोटा आंकड़ा नहीं: सुप्रीम कोर्ट

Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Jun, 2017 10:29 AM

10 52 lakh fake pan card no small data

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि व्यक्तिगत करदाताओं के 10.52 लाख ‘फर्जी’ पैन कार्डों के ....

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि व्यक्तिगत करदाताओं के 10.52 लाख ‘फर्जी’ पैन कार्डों के आंकड़े को देश की अर्थव्यवस्था को नुक्सान पहुंचाने के लिहाज से छोटा आंकड़ा नहीं बताया जा सकता। यह आंकड़ा ऐसे कुल दस्तावेजों का 0.4 प्रतिशत है। न्यायालय ने पैन कार्ड को जारी करने और टैक्स रिटर्न दाखिल करने में आधार को अनिवार्य बनाने की आयकर कानून की धारा 139ए.ए. को वैध ठहराते हुए 157 पन्नों के फैसले में ये बातें कहीं। हालांकि न्यायालय ने तब तक के लिए इसे लागू किए जाने पर आंशिक रोक लगा दी, जब तक उसकी संवैधानिक पीठ आधार से जुड़े निजता के अधिकार के वृहद मुद्दे पर गौर नहीं कर लेती।
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कानून की धारा 139ए.ए. आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए और पैन कार्ड के आबंटन की याचिका दायर करने के लिए आधार या उसके लिए किए गए आवेदन के पंजीकरण संबंधी जानकारी देने को अनिवार्य बनाती है। यह बात 1 जुलाई से लागू होनी है। न्यायमूर्ति ए.के. सीकरी की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ताओं ने यह दलील देने की कोशिश की कि फर्जी पैन कार्ड वाले लोग महज 0.4 प्रतिशत हैं, इसलिए ऐसे किसी प्रावधान की जरूरत नहीं है।’’

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